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Sunday, 28 December 2014

भारत के रहस्यमय मंदिर




पूरे विश्व में सबसे ज्यादा मंदिर भारत में है,पर क्या आपको पता है कि यहां के कुछ ऐसे मंदिर है जो रहस्यों से भरे हुए है और उस रहस्य को आज तक कोई जान नहीं पाया है,तो आइए तस्वीरों के जरिए जानें उन रहस्यमयी मंदिरों के बारे में -


कन्याकुमारी मंदिर - समुद्री तट पर ही कुमारी देवी का मंदिर है, जहां देवी पार्वती के कन्या रूप को पूजा जाता है। मंदिर में प्रवेश के लिए पुरुषों को कमर से ऊपर के वस्त्र उतारने पड़ते हैं। प्रचलित कथा के अनुसार देवी का विवाह संपन्न न हो पाने के कारण बच गए दाल-चावल बाद में कंकर बन गए। आश्चर्यजनक रूप से कन्याकुमारी के समुद्र तट की रेत में दाल और चावल के आकार और रंग-रूप के कंकर बड़ी मात्रा में देखे जा सकते हैं।

ततवानी मंदिर, हिमाचल प्रदेश- धर्मशाला से करीब 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित इस मंदिर को गर्म पानी के झरनों का घर माना जाता है। इस मंदिर के बाहर गर्म पानी का एक प्राकृतिक झरना है। ऐसा माना जाता है कि जो भी इस मंदिर के गर्म पानी में नहाता है उसके सारे रोग मिट जाते हैं।

काल भैरव मंदिर, मध्य प्रदेश- उज्जैन से कुछ दूरी पर स्थित शिव के काल भैरव स्वरूप को समर्पित इस मंदिर में सिर्फ मदिरा का प्रसाद चढ़ाया जाता है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जैसे मदिरा का कटोरा काल भैरव के मुंह के साथ लगाया जाता है, उसमें से मदिरा गायब हो जाती है। अभी तक कोई भी इस पहेली का जवाब नहीं खोज पाया कि पत्थर की मूर्ति से मदिरा जाती कहां है।

स्तम्भेश्वर महादेव, गुजरात-वडोदरासे 40 मील दूरी पर कवि कम्बोई नाम की जगह है, जहां स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। वडोदरा का ये मंदिर कभी दिखता तो कभी गायब हो जाता है। अरब सागर के खंभात की खाड़ी में स्थित यह मंदिर 150 वर्ष पुराना है। अरब सागर में आने वाली तेज लहरों में इस मंदिर का शिवलिंग छिप जाता है और लहरों की गति धीरे होते ही फिर से शिवलिंग नजर आने लगता है।


करणीमाता का मंदिर -करणीमाता का मंदिर राजस्थान राज्य के एतिहासिक नगर बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर जोधपुर रोड पर गांव देशनोक की सीमा में स्थित है। करणी देवी साक्षात मां जगदम्बा की अवतार थीं। मंदिर में हजारों चूहे निडर हो कर घूमते रहते हैं। यहां चूहो की पूजा की जाती है और उन्हें दूध, अनाज एवं मिठाई चढ़ाई जाती है।

शनि शिंगणापुर- देश में सूर्यपुत्र शनिदेव के कई मंदिर हैं। उन्हीं में से एक प्रमुख है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर। विश्वप्रसिद्ध इस मंदिर की विशेषता है कि यहां स्थित शनिदेव की पाषाण प्रतिमा बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है। शहर में भगवान शनि महाराज का खौफ इतना है कि शहर के अधिकांश घरों में खिड़की, दरवाजे और तिजोरी नहीं हैं। दरवाजों की जगह यदि लगे हैं तो केवल पर्दे। ऐसा इसलिए, क्योंकि यहां चोरी नहीं होती। शनि के प्रकोप से मुक्ति के लिए यहां पर विश्वभर से प्रति शनिवार लाखों लोग आते हैं।

ओम बन्ना मंदिर- राजस्थान के जोधपुर व उसके आसपास के इलाकों में ओम बन्ना के श्रद्धालुओं की बड़ी तादाद है। जोधपुर-पाली हाईवे नंबर 65 पर स्थित इस मंदिर में ओम बन्ना की मोटरसाइकिल रखी है। चोटिला गांव के निवासी ओम सिंह राठौड़ का इस मार्ग पर 2 दिसंबर 1988 को एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। मंदिर की खासियत है कि इसमें ओम बन्ना की मोटरसाइकिल की पूजा की जाती है उनकी बाइक थाने में रख दी गई जो वापस दुर्घटना स्थल पर पहुंच गई। बाद में यहां उनका मंदिर बना दिया गया। ओम बन्ना शेखावाटी सहित पाली, जोधपुर, जैसलमेर में सड़क सुरक्षा के देवता की तरह पूजे जाते हैं।


ज्वाला मंदिर- देश के 51 शक्तिपीठों में शामिल मां के इस मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार जब भगवान शिव सती को लिए घूम रहे थे तब यहां उनकी जीभ गिरी थी। कहा जाता है कि इस मंदिर की खोज में पांडवों का बड़ा योगदान रहा है। इस मंदिर में दर्शन के लिए जो भी आता है और मन से प्रार्थना करता है उसकी अरदास मां जरूर सुनती है। नवरात्र के दिनों में यहां देश-विदेश से अनेक श्रद्धालु आते हैं।

मेहन्दीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान- राजस्थान के दौसा जिले में स्थित यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। बहुत से लोग इस मंदिर के महत्व से परिचित होंगे। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में शैतानी शक्तियों से इंसानों को बचाया जाता है। वे लोग जो भूत-प्रेत जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं वे इस मंदिर में आकर राहत पा सकते हैं।



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