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Monday, 15 December 2014

शिशुनाग वंश

  • शिशुनाग वंश किस स्थान से संबंधित एक प्राचीन राजवंश था?
     मगध राज्य (दक्षिण बिहार, भारत) का
  • शिशुनाग वंश  का संस्थापक किसे माना जाता है। जिसके नाम पर इस वंश का नाम शिशुनाग वंश पड़ा।
  • शिशुनाग को
  •  इस वंश का शासनकाल किस प्रमुख राजा के बाद का था।
  • बिम्बिसार और अजातशत्रु के बाद 
  • शिशुनाग वंश किसका समकालीन है,
  • बुद्ध के समकालीन
  •  आमतौर पर इस काल को किस वंश से ठीक पहले का माना जाता है।
  •  नंद वंश से 
  •  शिशुनाग वंश का शासन काल कब से कब तक का है।
  •  लगभग पाँचवीं ई. पू. से चौथी शताब्दी के मध्य तक का
  • शिशुनाग वंश के राजाओं ने किस स्थान को मगध की  राजधानी बनाया था
  • इस वंश के राजाओं ने  मगध की प्राचीन राजधानी गिरिव्रज या राजगीर को राजधानी बनाया। और वैशाली (उत्तर बिहार) को पुनर्स्थापित किया।
  • शिशुनाग ने अवंति के किस शासक को हराकर अवंति (मध्य भारत) को मगध साम्राज्य का अंग बनाया था
  • अवंति के शासकअवंतिवर्द्धन को हराकर अवंति को अपने साम्राज्य में  सम्मिलित कर लिया।
  • शिशुनाग के पुत्र कालाशोक के काल को किन दो प्रमुख घटनाओं के लिए जाना जाता है
  •  प्रमुखत: दो महत्त्वपूर्ण घटनाओं के लिए जाना जाता है-
      1-वैशाली में दूसरी 'बौद्ध परिषद' की बैठक और  
      2- पाटलिपुत्र  (आधुनिक पटना) में मगध की राजधानी का स्थानान्तरण।

  • शिसुनाग वंश का पतन कब हुआ
  • शिशुनाग वंश के पतन का इतिहास भी मगध के मौर्य वंश से पूर्व के इतिहास जितना ही अस्पष्ट है।
  • कालाशोक के बाद इस वंश का शासक कौन था
  • पारम्परिक स्रोतों के अनुसार कालाशोक के 10 पुत्र थे, परन्तु उनका कोई विवरण ज्ञात नहीं है।
  • कालाशोक की हत्या किसने की थी
  • माना जाता है कि नंद वंश के संस्थापक महापद्मनंद द्वारा कालाशोक की निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी गई और शिशुनाग वंश के शासन का अन्त हो गया।
नोट-----शिशुनाग वंश  का शासनकाल अपने पूर्ववर्ती शासकों की तरह मगध साम्राज्य के तीव्र विस्तार के इतिहास में एक चरण का प्रतिनिधित्व करता है।

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