- शिशुनाग वंश किस स्थान से संबंधित एक प्राचीन राजवंश था?
- शिशुनाग वंश का संस्थापक किसे माना जाता है। जिसके नाम पर इस वंश का नाम शिशुनाग वंश पड़ा।
- शिशुनाग को
- इस वंश का शासनकाल किस प्रमुख राजा के बाद का था।
- बिम्बिसार और अजातशत्रु के बाद
- शिशुनाग वंश किसका समकालीन है,
- बुद्ध के समकालीन
- आमतौर पर इस काल को किस वंश से ठीक पहले का माना जाता है।
- नंद वंश से
- शिशुनाग वंश का शासन काल कब से कब तक का है।
- लगभग पाँचवीं ई. पू. से चौथी शताब्दी के मध्य तक का
- शिशुनाग वंश के राजाओं ने किस स्थान को मगध की राजधानी बनाया था
- इस वंश के राजाओं ने मगध की प्राचीन राजधानी गिरिव्रज या राजगीर को राजधानी बनाया। और वैशाली (उत्तर बिहार) को पुनर्स्थापित किया।
- शिशुनाग ने अवंति के किस शासक को हराकर अवंति (मध्य भारत) को मगध साम्राज्य का अंग बनाया था
- अवंति के शासकअवंतिवर्द्धन को हराकर अवंति को अपने साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया।
- शिशुनाग के पुत्र कालाशोक के काल को किन दो प्रमुख घटनाओं के लिए जाना जाता है
- प्रमुखत: दो महत्त्वपूर्ण घटनाओं के लिए जाना जाता है-
2- पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) में मगध की राजधानी का स्थानान्तरण।
- शिसुनाग वंश का पतन कब हुआ
- शिशुनाग वंश के पतन का इतिहास भी मगध के मौर्य वंश से पूर्व के इतिहास जितना ही अस्पष्ट है।
- कालाशोक के बाद इस वंश का शासक कौन था
- पारम्परिक स्रोतों के अनुसार कालाशोक के 10 पुत्र थे, परन्तु उनका कोई विवरण ज्ञात नहीं है।
- कालाशोक की हत्या किसने की थी
- माना जाता है कि नंद वंश के संस्थापक महापद्मनंद द्वारा कालाशोक की निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी गई और शिशुनाग वंश के शासन का अन्त हो गया।
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