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Friday 6 March 2015

अंतर्राष्ट्रीय संगठन और इनके मुख्यालय तथा वर्तमान अधिकारी

अंतर्राष्ट्रीय संगठन और मुख्यालय तथा इनके अध्यक्ष

1) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मुख्यालय- न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमरीका प्रमुख -

2) संयुक्त राष्ट्र महासभा मुख्यालय- न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमरीका अध्यक्ष - यूसुफ डिस्स (सितम्बर 2010 के अनुसार)

3) संयुक्त राष्ट्र सचिवालय मुख्यालय- न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमरीका महासचिव -बान की मून (दक्षिण कोरिया)

4) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय मुख्यालय- पीस पैलेस, हेग, नीदरलैंड अध्यक्ष-हिसाशी ओवडा (जापान)

5) अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय मुख्यालय- हेग, नीदरलैंड अध्यक्ष - सांग सँग -ह्यून (दक्षिण कोरिया)

6) संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद मुख्यालय- न्यूयॉर्क अध्यक्ष - हमीदन अली (मलेशिया)

7) खाद्य और कृषि संगठन मुख्यालय- रोम, इटली महानिदेशक - जैक्स डीओफ्फ़ (सेनेगल)

8) अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन मुख्यालय- मॉन्ट्रियल, कनाडा महासचिव- रेमंड बेंजामिन (फ्रांस)

9) अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन मुख्यालय- जिनेवा, स्विट्जरलैंड महानिदेशक - जुआन सोमवि (चिली)

10) अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन मुख्यालय- लंदन, ब्रिटेन महासचिव - इफ़तिमिओस इ मित्रोपोलोस (ग्रीस)

11) अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष मुख्यालय- रोम, इटली अध्यक्ष - कनयो एफ. नवांजे (नाइजीरिया)

12) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष मुख्यालय- वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमरीका प्रबंध-निदेशक- डोमिनिक स्ट्रॉस क्हान (फ्रांस)

13) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन मुख्यालय- पेरिस, फ्रांस महानिदेशक- इरीना बोकोवा (बुल्गारिया) [यूनेस्को की पहली महिला महानिदेशक]

14) विश्व बैंक समूह

(a. आईबीआरडी - इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट,

b. आईडीए - इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन,

c.आईएफसी - इंटरनेशनल फाइनेंसियल कारपोरेशन,

d. एमआईजीए - मल्टीलेटरल इन्वेस्टमेंट गारंटी एजेंसी,

और

e. आईसीएसआईडी- इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ़ इन्वेस्टमेंट डिस्प्यूट्स )

सभी का मुख्यालय- वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमरीका

सभी के प्रमुख - रॉबर्ट बी ज़ोएलिक (जर्मन मूल के हैं, लेकिन अमरीका से हैं )

15) विश्व स्वास्थ्य संगठन मुख्यालय- जिनेवा, स्विट्जरलैंड महानिदेशक - डॉ मार्गरेट चान (हांगकांग, चीन)

16) विश्व बौद्धिक संपदा संगठन मुख्यालय- जिनेवा, स्विट्जरलैंड महानिदेशक - फ्रांसिस गरी (ऑस्ट्रेलिया)

17) अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी मुख्यालय- वियना, ऑस्ट्रिया महानिदेशक -युकिओ अमानो (जापान)

18) विश्व व्यापार संगठन मुख्यालय- जिनेवा, स्विट्जरलैंड महानिदेशक - पास्कल लेमी (फ्रांस)

19) संयुक्त राष्ट्र बाल कोष मुख्यालय- न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमरीका कार्यकारीनिदेशक- एन एम वेनेमन (यूएसए)

20) दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन मुख्यालय- जकार्ता, इंडोनेशिया। महासचिव - - सुरिन पित्सुवन (थाईलैंड)

21) उत्तर अटलांटिक संधि संगठन मुख्यालय- ब्रुसेल्स, बेल्जियम महासचिव - ऐन्डर्सफोघ रासमुसेन (डेनमार्क)

22) अंतरराष्ट्रीय अपराध पुलिस संगठन या इंटरपोल मुख्यालय- ल्यों, फ्रांस अध्यक्ष- खू बून हुई (चीन) सचिव जनरल - रोनाल्ड नोबल (यूएसए)

23) यूरोपीय संघ

i. यूरोपीय परिषद् मुख्यालय- बेल्जियम अध्यक्ष - हरमन वॉन रोम्पुय (बेल्जियम)

i. यूरोपीय आयोग मुख्यालय- बेल्जियम अध्यक्ष - जोस मैनुअल बारोसो (पुर्तगाल)

i. यूरोपीय संसद मुख्यालय- बेल्जियम अध्यक्ष - जेर्जी बुज़ेक (पोलैंड)

24) न्यूक्लियर रिसर्च के लिए यूरोपीय संगठन या सर्न मुख्यालय- जिनेवा, स्विट्जरलैंड महानिदेशक - रॉल्फ डीटर ह्युअर (जर्मनी)

25) राष्ट्रमंडल मुख्यालय- लंदन, ब्रिटेन प्रमुख : महारानी एलिजाबेथ द्वितीय महासचिव- कमलेश शर्मा (भारत)

कार्यालय अध्यक्ष - कमला प्रसाद बिसेसर (त्रिनिदाद और टोबैगो)

26) गुट निरपेक्ष आंदोलन स्थापित - बेलग्राद, सर्बिया वर्तमान मुख्यालय - मिस्र महासचिव -होस्नी मुबारक (मिस्र)

27) क्षेत्रीय सहयोग के लिए दक्षिण एशियाई एसोसिएशन मुख्यालय- काठमांडू, नेपाल अध्यक्ष - महिंदा राजपक्षे (श्रीलंका) महासचिव - शील कांत शर्मा (भारत)

28) आर्थिक सहयोग और विकास संगठन मुख्यालय -पेरिस (फ्रांस) महासचिव -जोस एन्जिल गरिया (मेक्सिको)

29) पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन मुख्यालय- वियना, ऑस्ट्रिया महासचिव - अब्दुल्ला सलेम एलबदरi (लीबिया)

30) एमनेस्टी इंटरनेशनल मुख्यालय- लंदन, ब्रिटेन महासचिव - सलिल शेट्टी (भारत)

31) अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट आंदोलन (पहले रेड क्रॉस के रूप में जाना जाता था ) मुख्यालय -जिनेवा, स्विट्जरलैंड अध्यक्ष कोनोइ तदातेरु(जापान)

मार्च 2015 में भारत के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री( CURRENT Chief Ministers of Indian states)

      राज्य व उनके  मुख्यमंत्री 
[1] महाराष्ट्र-- देवेंद्र फड़नवीस
[2] हरियाणा--मनोहरलाल खट्टर
[3] झारखण्ड —-श्री रघुवर दास
[4] जम्मू और कश्मीर —– मुफ्ती मोहम्मद सईद
[5] हिमाचल प्रदेश —–वीरभद्र सिंह
[6] कर्नाटक —–के. सिद्धारमैया
[7] केरल —— ओमान चांडी
[8] मध्य प्रदेश -- शिवराज सिंह चौहान
[9] तेलंगाना -- चंद्रशेखर राव
[10] सीमांध्र - - चन्द्रबाबू नायडू
[11] अरुणाचल प्रदेश —- नाबम टुकी
[12] असम —- तरुण कुमार गगोई
[13] बिहार —– जीतम राम मांझी 
[14] छत्तीसढ —-डॉ.रमन सिंह
[15] दिल्ली ——राष्ट्रपति शासन
[16] गोआ —– Lakshmikant parsekar.
[17] पॉण्डिचेरी - - एन.रंगास्वामी
[18] पंजाब- - प्रकाश सिंह बादल
[19] राजस्थान -वसुंधरा राजेसिंधिया
[20] सिक्किम - पवन कुमारचामलिंग
[21] तमिलनाडु– O. Panneerselvam
[22] त्रिपुरा- - - माणिक सरकार
[23] उत्तराखण्ड —— हरीश रावत
[24] उत्तर प्रदेश------ अखिलेश यादव
[25] पश्चिम बंगाल —— ममता बनर्जी,
[26] गुजरात —– आनंदी बेन पटेल
[27] मणिपुर —– ओकराम इबोबी सिंह
[28] मेघालय —– मुकुल संगमा
[29] मिज़ोरम -- ललथानवाला
[30] नागालैण्ड —– टी आरजेलियांग
[31] ओडिशा —– नवीन पटनायक

भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और सन्यास की घोषणा- 30 दिसम्बर 2014

भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है।
धौनी ने तुरंत प्रभाव से अपने संन्यास की घोषणा कर दी है।
धौनी ने भारत की ओर से 90 टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए हैं।
धौनी के नाम टेस्ट मैचों में 6 शतक और 33 अर्धशतक है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रही चार मैचों की सीरीज के तीसरे मैच के बाद धौनी ने यह फैसला सुनाया। धौनी के संन्यास के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 जनवरी से होने वाले चौथे टेस्ट में टीम इंडिया की कमान विराट कोहली के हाथों में होगी।

भारतीय इतिहास के सभी मुगल सम्राटों की सूचि(LIST OF ALL MUGHAL EMPERORS IN INDIAN HISTORY )

LIST OF ALL MUGHAL EMPERORS IN INDIAN HISTORY :-
01. Babur  (1526-1530)
02. Humayun (1530-1540,55-56)
03. Akbar (1556-1605)
04. Jahangir (1605-1627)
05. Shah Jahan (1627-1658)
06. Aurang Zeb (1658-1707)
07. Bahadur Shah 1 (1707-1712)
08. Jahandar Shah (1712-1713)
09. Furrukhsiyar (1713-1719)
10. Rafi-ul-Darjat (1719)
11. Rafi-ud-Daulat (1719)
12. Nikusiyar (1719)
13. Muhammad Ibrahim (1720)
14. Muhammad Shah (1719-1748)
15. Ahmad Shah Bahadur (1748-54)
16. Alamgir || (1754-1759)
17. Shah Jahan ||| (1759)
18. Shah Alam || (1759-1806)
19. Akbar Shah || (1806-1837)
20. Bahadur Shah Zafar (1837-57)

कम्प्यूटर से संबंधित शॉर्ट फार्म्स(VERY VERY USEFUL SHORT FORMS)

VERY VERY USEFUL SHORT FORMS
1.) GOOGLE : Global Organization Of Oriented Group Language Of Earth .(unofficial)
2.) YAHOO : Yet Another Hierarchical Officious Oracle .
3.) WINDOW : Wide Interactive Network Development for Office work Solution
4.) COMPUTER : Common Oriented Machine Particularly United and used under Technical and Educational Research.
5.) VIRUS : Vital Information Resources Under Siege .
6.) UMTS : Universal Mobile Telecommunications System .
7.) AMOLED: Active-matrix organic light-emitting diode
8.) OLED : Organic light-emitting diode
9.) IMEI: International Mobile Equipment Identity .
10.) ESN: Electronic Serial Number .
11.) UPS: uninterruptiblepower supply .
12). HDMI: High-DefinitionMultimedia Interface
13.) VPN: virtual private network
14.) APN: Access Point Name
15.) SIM: Subscriber Identity Module
16.) LED: Light emitting diode.
17.) DLNA: Digital Living Network Alliance
18.) RAM: Random access memory.
19.) ROM: Read only memory.
20) VGA: Video Graphics Array
21) QVGA: Quarter Video Graphics Array
22) WVGA: Wide video graphics array.
23) WXGA: Widescreen Extended Graphics Array
24) USB: Universal serial Bus
25) WLAN: Wireless Local Area Network
26.) PPI: Pixels Per Inch
27.) LCD: Liquid Crystal Display.
28.) HSDPA: High speed down-link packet access.
29.) HSUPA: High-Speed Uplink Packet Access
30.) HSPA: High Speed Packet Access
31.) GPRS: General Packet Radio Service
32.) EDGE: Enhanced Data Rates for Global Evolution
33.)NFC: Near field communication
34.) OTG: on-the-go
35.) S-LCD: Super Liquid Crystal Display
36.) O.S: Operating system.
37.) SNS: Social network service
38.) H.S: HOTSPOT
39.) P.O.I: point of interest
40.)GPS: Global Positioning System
41.)DVD: Digital Video Disk / digital versatile disc
42.)DTP: Desk top publishing.
43.) DNSE: Digital natural sound engine .
44.) OVI: Ohio Video Intranet
45.)CDMA: Code Division Multiple Access
46.) WCDMA: Wide-band Code Division Multiple Access
47.)GSM: Global System for Mobile Communications
48.)WI-FI: Wireless Fidelity
49.) DIVX: Digital internet video access.
50.) .APK: authenticated public key.
51.) J2ME: java 2 micro edition
53.) DELL: Digital electronic link library.
54.)ACER: Acquisition Collaboration ExperimentationReflection
55.)RSS: Really simple syndication
56.) TFT: thin film transistor
57.) AMR: Adaptive Multi- Rate
58.) MPEG: moving pictures experts group
59.)IVRS: Interactive Voice Response System
60.) HP: Hewlett Packard

Important Battles in the Indian History

Important Battles in the Indian History
================
1. 1st battle of Tarain तारायन की पहली लड़ाई --1191-- Prithviraj Chauhan defeated Mohammed Ghori
2. 2nd battle of Tarain 
तारायन की दूसरी लड़ाई--1192--Mohammad Ghori defeated Prithviraj Chauhan
3. 1st battle of Panipat पानीपत की पहली लड़ाई --1526--Babar defeated Ibrahim Lodi
4. Battle of Khanwaखानवा का युद्ध--1527-- Babur defeated Rana Sunga further strengthening his foothold in India. बाबर ने राणा साँगा को हराकर भारत में अपने पैर मजबूत किये।
5. Battle of Ghaghra घाघरा का युद्ध --1529--Babur defeated Mahmud Lodi and Sultan Nusrat Shah thus establishing Mughal rule in India.बाबर ने महमूद लोदी 
और सुल्तान नुसरत शाह को हराया और भारत में मुगल सल्तनत की नींव डाली।
6. 2nd battle of Panipat पानीपत का दूसरा युद्ध --1556-- अकबर ने हैमू को हराया Akbar defeated Hemu
7. 3rd battle of Panipat पानीपत की तीसरी लड़ाई --1761  अहमद शाह अब्दाली ने मराठों को हराया Ahmed Shah Abdali defeated the Marathas
8. Battle of Talikota तालीकोटा की लड़ाई --1565-- दक्कन सल्तनत ने विजयनगर साम्राज्य को हराया Deccan Sultanates defeated the glorious Vijayanagar empire
9. Battle of Haldighati हल्दी घाटी का युद्ध--1576--मेबाड़ के राणा प्रताप से मानसिंह व मुगल सेना का युद्धUndecisive battle between Raja Man Singh of Mughal Army and Rana Pratap of Mewar.
10. Battle of Samugarh सामूगढ़ की लड़ाई --1658-- औरंगजैव ने दाराशिकोह को हराया Aurangzeb defeated Dara Shikoh.
11. Battle of Plassey प्लासी की लड़ाई --1757-- ब्रिटिश ने सिराजुद्दौला को मीरजाफर की सहायता से हराया।ब्रिटिश शासन की भारत में नींव रखी।British defeated Siraj-ud-duala with the help of Mir Zafar. This battle laid the foundation of British empire in India.
12. Battle of Wandiwash वन्दीवाश का युद्ध--1760-- ब्रिटिश ने फ्रांसीसियों को बुरी तरह हराया British decisively defeated the French in India. The Seven years war (1756 - 1763) between the British and the French in Europe ran parallel to this war. 3 Carnatic wars were fought between the British and the French and this battle was a part of the 3rd Carnatic War.
13. Battle of Buxar बक्सर का युद्ध --1764-- ब्रिटिश ने मीर कासिम, शुदाउद्दौला (अवध नबाब) व शाह आलम द्वितीय की सम्मिलित सेनाओं को हरा दिया। ब्रिटिश को प्लासी के युद्ध की बची खुची शक्ति भी दे दी।British defeated the combined forces of Mir Qasim, Shuja-ud-duala (Nawab of Oudh) and Shah Alam II(Mughal emperor). This completed the work began by the battle of Plassey.
14. Battle of Karnal करनाल का युद्ध --1739-- नादिरशाह ने मुगल सम्राट मुहम्मद शाह को हराया Nadir Shah defeated Mughal Emperor Muhammad Shah.

सामान्य ज्ञान प्रश्न -2 भौतिकी संबंधित

1. क्यूरी (Curie) किसकी इकाई का नाम है ---->रेडियोएक्टिव धर्मिता
2. किस रंग की तरंग दैर्ध्य सबसे कम होती है----–> बैंगनी
3. 'सेकेण्ड पेण्डुलम' का आवर्तकाल क्या होता है-----> 2 सेकेण्ड
4. भूस्थिर उपग्रह की पृथ्वी से ऊँचाई होती है--------> 36,000 किलोमीटर
5. निम्नलिखित में से किस पदार्थ में ऑक्सीजन नहीं है-----> मिट्टी का तेल
6. पौधों की आंतरिक संरचना का अध्ययन कहलाता है-------> फिजियोलॉजी, शारीरिकी
7. निम्न में से किस रंग का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है------>बैंगनी
8. रडार की कार्यप्रणाली निम्न सिद्धान्त पर आधारित है----------> रेडियों तरंगों का परावर्तन
9. न्यूटन की गति के नियमों के अनुसार –-----> द्वितीय नियम से बल की परिभाषा ज्ञात की जाती है।
10. किसी पिण्ड के उस गुणधर्म को क्या कहते हैं, जिससे वह सीधी रेखा में विराम या एकसमान गति की स्थिति में किसी भी परिवर्तन का विरोध करता है -------> जड़त्व
11. लेसर निम्न सिद्धान्त पर कार्य करती है------> विकरण का उद्दीप्ति उत्सर्जन
12. मिथेन जिसके वायुमण्डल में उपस्थित है, वह है -----> बृहस्पति
13. प्रोटीन के पाचन में सहायक एन्जाइम है ---------> ट्रिप्सिन
14. उन देशों में जहाँ के लोगों का मुख्य खाद्यान्न पॉलिश किया हुआ चावल है, लोग पीड़ित होते हैं -----> बेरी-बेरी से
15. माँसपेशियाँ में निम्नलिखित में से किसके एकत्र होने से थकान होती है -------> लैक्टिक अम्ल
16. समुद्र की गहराई नापने के लिए कौन-सा उपकरण प्रयोग किया जाता है -------> फ़ैदोमीटर
17. कम्प्यूटर की IC चिप्स किस पदार्थ की बनी होती हैं - सिलिकन की
18. वह काल्पनिक रेखा जो फ़ोकस एवं पोल से गुजरते हुए गोलकार दर्पण पर पड़ती है, वह कहलाती है ----->मुख्य अक्ष
19. अगर किसी वस्तु का फ़ोकस अवतल दर्पण पर पड़ता है, तो उसकी छाया कैसी बनेगी -----> अनन्त
20. वह धातु जो अम्ल एवं क्षार के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन निकालती है ------> जिंक
21. किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति में होने वाले उतार-चढ़ाव को कहते हैं -------> डाप्लर प्रभाव
22. कोई कण एक सेकेण्ड में जितने कम्पन करता है, उस संख्या को कहते हैं -------> आवृति
23. निम्नलिखित में से कौन धातु होते हुए भी विद्युत का कुचालक है ------> सीसा
24. निम्नलिखित में किस अधातु में धातुई चमक पायी जाती है --------> ग्रेफाइट,आयोडिन
25. एक गुब्बारे में हाइड्रोजन व ऑक्सीजन गैस के बराबर- बराबर अणु हैं। यदि गुब्बारे में एक छेद कर दिया जाए

       तो------->हाइड्रोजन गैस तेज़ी से निकलेगी

लोकप्रिय उपनाम(Popular Nickname of Famous People)

**लोकप्रिय उपनाम(Popular Nickname of Famous People)**
*युग पुरुष -----> महात्मा गाँधी
*राष्ट्र पिता -----> महात्मा गाँधी
*बापू -----> महात्मा गाँधी
*बिहार केसरी -----> डा. श्री कृष्ण सिंह
*शांति पुरुष -----> लाल बहादुर शास्त्री
*लौह पुरुष ----> सरदार वल्लभ भाई पटेल
*बादशाह खान ----> खान अब्दुल गफ्फार खां
*सीमांत गाँधी ----> खान अब्दुल गफ्फार खां
*नेताजी -----> सुभाष चन्द्र बोस
*अजात शत्रु -----> डा. राजेन्द्र प्रसाद
*महामना -----> मदन मोहन मालवीय
*गुरु देव -----> रवीन्द्र नाथ टैगोर
*राजर्षि -----> पुरुषोत्तम दास टंडन
*गुरुजी -----> एम. एस. गोलवलकर
*जननायक -----> कर्पूरी ठाकु
*लोक नायक -----> जय प्रकाश नारायण
*दीन बन्धु -----> सी. एफ. एनड्रयूज
*देश बन्धु -----> चित्तरंजनदास
*पंजाब केसरी -----> लाला लाजपतराय
*देश रत्न -----> डा राजेन्द्र प्रसाद
*आंध्र केसरी -----> टी. प्रकाश
*वयोवृद्ध पुरुष ------> दादा भाई नौरोजी
*शेरे कश्मीर -----> शेख अब्दुल्लाह
*बंग बन्धु -----> शेख मुजीबुर्रहमान
*बंगाल केसरी -----> आशुतोष मुखर्जी
*बिहार गाँधी ----> डा राजेन्द्र प्रसाद
*लोक मान्य ----> बाल गंगाधर तिलक
*जे. पी. -----> जय प्रकाश नारायण
*माता बसंत ----> एनी बेसेंट
*भारतीय राजनीति के भीष्मपितामह ----->दादा भाई नौरोजी
*स्वर कोकिला ----> लता मंगेशकर
*बिहार विभूति ----> डा.अनुग्रह नारायण सिंह
*बाबूजी -----> जगजीवन राम
*फ्यूहरर ------> हिटलर
*महात्मा गाँधी के पांचवे पुत्र ---->जमना लाल बजाज
*स्पैरो -----> मेजर जनरल राजेन्द्र सिंह
*राजाजी ----> चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
*प्रियदर्शी ------> अशोक
*तोता ए हिंद -----> आमिर खुसरो
*तराना ए हिंद -----> ग़ालिब
*उड़नपरी -----> पी. टी.उषा
*मेडेन क्विन -----> एलिजाबेथ प्रथम
*लाल पाल बाल ------>लाला लाजपतराय,बाल गंगाधर तिलक, विपिन चन्द्र पाल
*बड़े साहब -----> डा. अनुग्रह नारायण सिंह
*प्रियदर्शिनी-----> इंदिरा गाँधी

सामान्य ज्ञान के सामान्य प्रतियोगिता परीक्षा संबंधी उपयोगी प्रश्न-

©®™सामान्य ज्ञान™®©
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• मरुभूमि विकास कार्यक्रम किस वर्ष शुरू किया गया।→→→ 1977-78

• जवाहर रोजगार योजना किस वर्ष शुरू की गई।→→→ 1989
• राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कार्यक्रम कब शुरू हुआ। →→→ 2006
• देश में पहला लौह इस्पात कारखाना कहां पर स्थापित किया गया।→→→ कुल्टी (पश्चिम बंगाल में 1874)
• भारत का रूर किस पठार को कहा जाता है। →→→ छोटानागपुर का पठार
• संविधान सभा की संचालन समिति का अध्यक्ष कौन था।→→→ डॉ. राजेंद्र प्रसाद
• कौनसी देशी रियासत थी जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मलित नहीं हुए थे। →→→ हैदराबाद
• नासिरूद्दीन महमूद ने बलबन को कौनसी उपाधि प्रदान की। →→→ उलूंग खां
• भारत का कौनसा शासक था जिसने बगदाद के खलीफा से सुल्तान पद की वैधानिक स्वीकृति प्राप्त की।→→→ इल्तुतमिश
सामान्य ज्ञान

• प्रधानमंत्रीयोंमें सबसे बड़ा कार्यकाल किनका रहा। →→→ जवाहर लाल नेहरू (16 वर्ष नौ माह 13 दिन)
• संविधान में उपराष्ट्रपति से संबंधित प्रावधान किस देश के संविधान से लिया गया है।→→→ अमेरिका के संविधान से
• राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या कितनी हो सकती है।→→→ 250
• लोक सभा में राष्ट्रपति द्वारा कितने सदस्य मनोनित होते हैं।→→→ दो
• राज्य सभा में राष्ट्रपति द्वारा कितने सदस्य मनोनित किये जाते हैं।→→→ 12
• मरुभूमि विकास कार्यक्रम किस वर्ष शुरू किया गया।→→→ 1977→→→78
• जवाहर रोजगार योजना किस वर्ष शुरू की गई।→→→ 1989
• राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कार्यक्रम कब शुरू हुआ।→→→ 2006
• देश में पहला लौह इस्पात कारखान कहां पर स्थापित किया गया।→→→ कुल्टी (पश्चिम बंगाल में 1874)
• भारत का रूर किस पठार को कहा जाता है।→→→ छोटानागपुर का पठार

भारत के प्राचीन इतिहास से संबंधित कुछ प्रमुख प्रतियोगिता परीक्षापयोगी प्रश्न

● सर्वप्रथम किस विदेशी यात्री ने भारत यात्री की— फाह्यान ने
● शून्य की खोज किसने की— आर्यभट्ट ने
● किस पुस्तक का 15 भारतीय भाषाओं और 40 विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है— पंचतंत्र
● न्यूमिसमेटिक्स क्या है— सिक्कों व धातुओं का अध्ययन
● ‘हितोपदेश’ की रचना किसने की— नारायण पंडित
● ‘नाट्यशास्त्र’ की रचना किसने की— भरतमुनि
● विक्रम संवत का शुभारंभ कब हुआ— 57 ई.
● अंकोरवाट कहाँ स्थित है—कंबोडिया में
● पुरापाषाण युग में आदि मानव के मनोंरजन का साधन क्या था— शिकार करना
● किस युग को ‘चाल्कोलिथिक एज’
कहा जाता है— ताम्रपाषाण युग को
● ‘स्वपनवासवदता’ के लेखक कौन है— भाष
● नालंदा विश्वविद्यालय किस के लिए
प्रसिद्ध था— बौद्ध धर्म दर्शन
● आधुनिक मानव के हाल का पूर्वज कौन है—क्रोमैगनन मनुष्य
● देवनागरी लिपि का प्राचीनतम रूप क्या है—ब्राह्य लिपि
● कादंबरी के लेखक कौन हैं—बाणभट्ट
● सुभाषितवलि के लेखक कौन हैं— मयूर
● तक्षशिला नगर किन नदियों के मध्य स्थित था— सिंधु व झेल
● भीमबेटका किसके लिए प्रसिद्ध था— गुफाओं के शैलचित्र
● प्राचीन भारत में कौन-सी लिपि दाईं ओर से बाईं ओर लिखी जाती थी— खरोष्ठी लिपि
● प्राचीन काल में मानव द्वारा किस अनाज का प्रयोग हुआ— चावल
● भारतीय इतिहास का कौन-सा स्त्रोत प्राचीन भारत के व्यापारिक मार्गों पर मौन है— मिलिंद पान्हो
● सर्वप्रथम भारत को इंडिया किसने कहा—यूनानवासियों ने
● मेगास्थनीज ने अपनी पुस्तक इंडिका में किसके शासनकाल का वर्णन किया है— चंद्रगुप्त मौर्य
● चीनी यात्री ह्नेनसांग सर्वप्रथम किस
भारतीय राज्य पहुँचा— कपिशा
● सर्वप्रथम भारतवर्ष का जिक्र किस
अभिलेखा में मिला है— हाथी गुंफा अभिलेख में
● अभिलेखों का अध्ययन क्या कहलाता है—इपीग्राफी
● सिंधु सभ्यता के लोग किस क्षेत्र के निवासी थे— भूमध्यसागरीय
● गौतम बुद्ध ने अपने उपदेश सबसे अधिक किस स्थान पर दिए —श्रावस्ती में
● सिकंदर किसका शिष्य था—अरस्तू का
● सिकंदर का सेनापति कौन था — सेल्यूकस निकेटर
● भारत में शिलालेखों का प्रचलन किसने कराया— अशोक ने
● पुराणों में अशोक को क्या कहा गया है—अशोक वर्धन
● ‘भरहूत स्तूप’ का निर्माण किसने कराया—पुष्यमित्र शुंग ने
● रेशम बनाने की तकनीक का अविष्कार सर्वप्रथम किस देश में हुआ — चीन में
● गुप्त वंश का संस्थापक कौन था— श्रीगुप्त
● मंदिर बनाने की कला का जन्म किस काल में हुआ— गुप्त काल में
● ‘प्रिय दर्शिका’ नामक संस्कृत ग्रंथ की रचना किस शासक ने की—हर्षवर्धन ने
● ‘नागनंदा’ नामक संस्कृतनटक की रचना किस शासक ने की— हर्षवर्धन ने
● अजंता की गुफा किस धर्म से संबंधित है—बौद्ध धर्म से
● सुरदर्शन झील का पुर्नोद्धार किसने कराया— स्कंधगुप्त ने

‪#‎ गुप्तोत्तर‬ काल
प्राचीन भारत का इतिहास:-
● पुष्यभूति वंश की स्थापना किसने की—पुष्यभूतिवर्धन
● पुष्यभूति वंश का सबसे प्रतापी राजा कौन था— हर्षवर्धन
● हर्षवर्धन गद्दी पर कब बैठा— 606 ई.
● हर्षवर्धन का राजदरबारी कवि कौन था—बाणभट्ट
● चीनी यात्री ह्नेनसांग किसके समकालीन था— हर्षवर्धन के
● किस व्यक्ति को द्वितीय अशोक कहा जाता है— हर्षवर्धन को
● अंतिम बौद्ध राजा कौन था जो संस्कृत का महान विद्वान था

— हर्षवर्धन
● ‘हर्ष चरित’ किसके द्वारा रचित है— बाणभट्ट
● किस राजा ने ‘रत्नावली’ नामक पुस्तक लिखी’— हर्षवर्धन ने
● हर्षवर्धन और पुलिकेशन II के मध्य हुए संघर्ष की जानकारी कहाँ से प्राप्त होती है— ऐहोल अभिलेख से
● हर्ष ने अपनी राजधानी थानेश्वर से कहाँ स्थानांतरित की— कन्नौज
● ‘सकलोत्तरापथनाथ’ किसे कहा गया है—हर्षवर्धन को
● बंगाल का कौन-सा शासक हर्ष के समकालीन था— शशांक
● गुप्त वंश के पश्चात् उत्तर भारत में बड़े भाग का पुनर्गठन किसने किया— हर्षवर्धन ने
● हर्ष के शासनकाल में उत्तर भारत का सबसे महत्वपूर्ण शहर कौन-सा था— कन्नौज
● हर्षवर्धन अपनी धार्मिक सभा कहाँ किया करता था— प्रयाग में
● हर्षवर्धन की राजधानी थानेश्वर वर्तमान में कहाँ स्थित है— हरियाणा में
● वर्तमान में कन्नौज किस प्रदेश में स्थित है—उत्तर प्रदेश में
● ह्नेनसांग की भारत यात्रा के समय सूती कपड़ों के उत्पादन के लिए सबसे प्रसि नगर कौन-सा था— मथुरा
● किस चीनी यात्री को यात्रियों में राजकुमार कहा जाता है— ह्नेनसांग
● कुंभ के मेले का शुभारंभ किसने किया— हर्षवर्धन
● किस शासक ने नालंदा विश्वविद्यालय के लिए 100 ग्रामों की आय दान के रूप में दी—हर्षवर्धन
● दक्षिणी भारत में एरीपत्ती का अर्थ क्या है— जलाशय की भूमि
● पुष्यभूति काल में राज्य की आय का मुख्य साधन क्या था— भूमिकर
● पुष्यभूति काल में भूमिकर कितना लिया जाता था— पैदावार का 1/6 वाँ भाग
● हर्षवर्धन के समय नालंदा विश्वविद्यालय का कुलपति कौन था— शीलभद्र
● किस अभिलेख में हर्षवर्धन को परमेश्वर कहा गया है— मधुबन व बाँसखेड़ा अभिलेखों में
● कश्मीर का इतिहास किस ग्रंथ में है—राजतरंगिणी
● राजतरंगिणी नामक ग्रंथ किसने लिखा—कल्हण ने
● कार्कोट वंश की स्थापना किसने की—दुर्लभर्वन
● ‘अवंतिनगर’ नामक नगर को किस शासक ने बसाया— अवंतिवर्मन ने
● कार्कोट वंश के बाद किस वंश का उदय हुआ—उत्पल वंश
● सर्वप्रथम हर्षवर्धन ने कन्नौज में बौ धर्म सभा का आयोजन कब किया— 643 ई.
● हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात् कन्नौज पर किसका शासन हुआ— यशोवर्मन
● ह्नेनसांग की रचना की क्या नाम है— सी-यू- की

‪#‎गुप्तकाल‬:-
प्राचीन भारत का इतिहास:-
● गुप्तवंश की स्थापना कब हुई— 319 ई.
● गुप्त वंश की स्थापना किसने की— चंद्रगुप्त I द्वारा
● गुप्त वंश के किस शासक ने ‘महाधिराज’ की उपाधि धारण की— चंद्रगुप्त प्रथम ने
● आर्यभट्ट कौन था— खगोल वैज्ञानिक व गणितज्ञ
● आर्यभट्ट किस वंश के समकालीन था— गुप्त वंश के
● गुप्त शासकों की राजदरबारी भाषा क्या थी— संस्कृत
● गुप्त राजवंश के किस शासक ने हूणों के आक्रमण को रोका— स्कंदगुप्त ने
● गुप्त राजवंश किसके लिए प्रसिद्ध था—कला एवं स्थापत्य के लिए
● अजंता व एलौरा कलाकृतियाँ किस काल से संबंधित हैं— गुप्त काल से
● कालीदास किसके राजदबारी कवि थे —चंद्रगुप्त II ‘विक्रमाद्वित्य’
● अंजता चित्रकारी किस धर्म से संबंधित हैं—बौद्ध धर्म से
● एरण अभिलेख का संबंध किस शासक से है—भानुगुप्त से
● चीनी यात्री फाह्यान किसके शासन काल में भारत आया— चंद्रगुप्त द्वितीय
● भारतीय संस्कृति का स्वर्ण युग किस युग को कहा जाता है— गुप्त युग को
● ‘सेतुबंध’ की रचना किस वंश के शासक ने की—वाकाटक
● किस गुप्तकालीन शासक को कविराज कहा गया है — समुद्रगुप्त को
● कौन-सा गुप्त शासक भारतीय नेपोलियन के नाम से प्रसिद्ध था— समुद्रगुप्त
● स्कंदगुप्त को किस लेख से ‘शक्रोपम’ कहा गया है— कहौमस्तम लेख
● गुप्त काल के सबसे लोकप्रिय देवता कौन थे—विष्णु
● दिल्ली में स्थित ‘लौह स्तंभ’ किस सदी में निर्मित हुआ— चौथी सदी में
● फाह्यान द्वारा लिखित ग्रंथ ‘फो-कुओ-की’ में किसका वर्णन मिलता है — बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का
● ‘अमरकोष’ नामक ग्रंथ की रचना किसने की और वे किस शासक से जुड़े थे— अमर सिंह ने,चंद्रगुप्त II से
● हरिषेण किसका राजदरबारी कवि था—समुद्रगुप्त का
● गुप्त काल की सोने की मुद्रा को क्या कहा जाता था— दीनार
● ‘कुमारसंभव’ महाकाव्य को किसने रचा—कालीदास
● नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना किस युग में हुई— गुप्त युग में
● गुप्त युग में भू-राजस्व की दर क्या थी— उपज का छठा भाग
● नगरों का क्रमिक पतन किस युग की विशेषता थी— गुप्त युग की
● किस वंश के शासकों ने मंदिरों और
ब्राह्मणों को सबसे अधिक ग्राम अनुदान में दिए— गुप्त वंश
● महरौली स्थित लौह स्तंभ किसकी स्मृति में है— चंद्रगुप्त II
● कालीदास द्वारा रचित ‘मालविकाग्निमित्र’ नाटक का नायक कौन था— अग्निमित्र
● समुद्रगुप्त की सैनिक उपलब्धियों का वर्णन किस अभिलेख में है— प्रयाग
● बाल विवाह की प्रथा कब आरंभ हुई— गुप्त युग में
● सर्वप्रथम कौन-सा ग्रंथ यूरोपीय भाषा में अनुदित/अनुवादित हुआ— अभिज्ञान शाकुंतलम्
● सती प्रथा का प्रथम उल्लेख कहा से मिलता है— एरण अभिलेख से
● गुप्तकालीन सिक्कों का सबसे बड़ा ढेर कहाँ से प्राप्त हुआ— बयाना (भरतपुर)
● किस गुप्त शासक को नालंदा विश्वविद्यालय का संस्थापक
माना जाता था— रूपक
● कालीदास की कौन- सी कृति की गिनती विश्व की सर्वाधिक प्रसिद्ध 100 कृतियों में की जाती हैं—अभिज्ञान शाकुंतलम्
● गणित की दशमलव प्रणाली के अविष्कार का श्रेय किसे दिया जाता है— मौर्य युग को
● किस विद्धान ने गणित को एक पृथक विषय के रूप में स्थापित किया— आर्यभट्ट
● गुप्तकाल की प्रसिद्ध पुस्तक ‘नवनीतकम्’ का संबंध किस क्षेत्र में है— चिकित्सा के क्षेत्र से
● ताँबे के सिक्के जारी करने वाला प्रथम गुप्त शासक कौन था— रामगुप्त
● मिहिरकूल का संबंध किससे था — हूण से
● कौन-से गुप्त राजा ने विक्रमाद्वित्य की उपाधि ग्रहण की थी— चंद्रगुप्त II
● किस गुप्त शासक ने दक्षिण में 12 राज्यों पर विजय प्राप्त की

— समुद्रगुप्त ने
● ‘सर्वराजोच्छेता’ की उपाधि किसने धारण की— समुद्रगुप्त ने
● चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त संवत् की स्थापना कब की— 319 ई.
● गुप्त संवत् एवं शक संवत् में कितना अंतर है— 241 वर्ष
● किस वंश के शासकों ने चाँदी की मुद्राओं का प्रचलन किया— गुप्त वंश के शासकों ने
● किसने समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियमन कहा था— विन्र्सेट स्मिथ ने
● गुप्तकाल में प्रमुख शिक्षा केंद्र कौन-से थे—पाटलिपुत्र, उज्जयिनी
● गुप्तवंश का अंतिम शासक कौन था—विष्णुगुप्त
● सती होने का प्रमाण प्रथम बार कब मिला— 510 ई.
● ‘सूर्य सिद्धांत’ नामक ग्रंथ किसने लिखा—आर्यभट्ट ने
● नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई — 415-454 ई.

‪#‎संगम‬ काल:-
प्राचीन भारत का इतिहास:-
● संगम काल में कितनी रचनाओं का वर्णन है—2289
● संगम काल की प्रसिद्ध रचना कौन सी थी— तमिल व्याकरण ग्रंथ तोलकाप्पियम
● ‘तोलकाप्पियम’ की रचना किसने की— तोल काप्पियर ने
● चोल वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन-था—करिकाल
● करिकाल गद्दी पर कब बैठा— 190 ई. के लगभग
● किस चोल वंश के शासक ने उद्योग धंधे व कृषिको प्रोत्साहन दिया— करिकाल ने
● चोल काल में सर्वोच्च न्यायालय को क्या कहा जाता था— मनरम
● मानसून की खोज किसने की— मिस्त्र के नाविक हिप्पालस ने
● चोल काल में सूती वस्त्र उद्योग का प्रमुख कौन-सा था— उरैयूर
● पांड्यों की राजधानी कहाँ थी— मदुरै
● चेर वंश का शासन किस क्षेत्र पर था— केरल पर
● चेर वंश का प्रसिद्ध शासक कौन था— सेंगुट्टुवन
● किस शासक को ‘लालचेर’ कहा जाता था— सेंगुट्टुवन
‪#‎ मौर्योत्तर‬ काल:-
प्राचीन भारत का इतिहास:-
● अंतिम मौर्य सम्राट की हत्या किसने की—पुष्यमित्र ने
● शुंग वंश की स्थापना किसने की— पुष्यमित्र ने
● कण्व/काण्व वंश का संस्थापक कौन था—वासुदेव
● सातवाहन/आंध्र सातवाहन वंश
की स्थापना किसने की — सिमुक ने
● किसके अधीन सातवाहनों ने अधिकारियों के रूप में कार्य किया था— मौर्यों के अधीन
● कौन-सा कुषाण शासक था जिसने बौध धर्म अपना लिया था— कनिष्क
● कुषाण काल के दौरान मूर्तिकाल की गंधार शैली किन शैलियों का मिश्रण थी— इंडो- ग्रीक (भारतीय-यूनानी) शैली
● कनिष्क की राजधानी कहाँ थी — पुरुषपुर व मथुरा
● पुरुषपुर का दूसरा नाम क्या है— पेशावर
● चरक किसके राजवैद्य थे— कनिष्क
● तक्षशिला किस शैली की कला के लिए प्रसिद्ध है— गंधार कला के लिए
● भारत में सर्वप्रथम स्वर्ण मुद्राएं किसने चलवाईं

— # इंडो-ग्रीक (बैक्ट्रियन ग्रीक)
● किस संग्रहायल में कुषाणकालीन
मूर्तियाँ सबसे अधिक हैं— मथुरा संग्रहालय
● किस वंश के शासकों ने सोने के सबसे अधिक सिक्के जारी किए— कुषाण वंश के शासकों ने
● सातवाहनों के समय किस धातु
की मुद्रा सर्वाधिक थी— सीसा
● नागार्जुन, अश्वघोष व वसुमित्र किसके समकालीन थे— कनिष्क के
● 78 ई. का शक संवत् किसने चलाया— कनिष्क ने
● तक्षशिला वर्तमान में कहाँ स्थित है—पाकिस्तान में
● कुषाण के काल में सबसे अधिक विकास किस क्षेत्र में हुआ— वास्तुकला
● सातवाहनों ने अपना शासन कहाँ शुरू किया—महाराष्ट्र में
● सातवाहनों की राजधानी कहाँ थी— पैठन
● किस सातवाहन सम्राट ने ‘गाथासप्तशई’नामक महत्वपूर्ण कृति की रचना की — हाल ने
● मौर्यों के बाद दक्षिण भारत में सबसे प्रभावशाली राज्य किसका था — सातवाहन
● बुद्ध की खड़ी प्रतिमा किसके काल में बनवाई गई— कुषाण के काल में
● शुंग वंश के बाद किस वंश ने भारत पर राज्य किया— कण्व वंश ने
● किस चीनी जनरल ने कनिष्क
को हराया था— पेगचाऔ ने
● कनिष्क बौद्ध धर्म की किस
शाखा का अनुयायी था— महायान
● प्राचीन भारत के महान व्याकरण विद्वान पतंजलि किसके समकालीन थे— पुष्यमित्र के
● भारत में किसके द्वारा पहली बार सैनिक शासन व्यवहार में लाया गया— इंडो-ग्रीक द्वारा
● ईसा पूर्व दूसरी सदी के आरंभ में
उत्तरी अफगानिस्तान में किसका शासन था—बैक्ट्रिया
● प्राचीन भारत में किसने नियमित रूप से सोने के सिक्के चलाए

— कुषाण ने
● सातवाहनों का समाज कैसा था— मातृसत्तात्मक
● कनिष्क किस जाति से संबंधित था— चीन की यूंची जनजाति से
● भारत का आइंस्टीन किसे कहा जाता है—नागार्जुन को
● पुष्यमित्र किस धर्म का समर्थक था— ब्राह्मण धर्म का
● बेसनगर में स्थित गरुण स्तंभ का निर्माण किसने कराया— हेलियोडोर ने
● ‘गार्गी संहिता’ क्या है— ज्योतिष ग्रंथ
● ‘गार्गी संहिता’ की रचना किसने की— कात्यायन ने
● कुषाण वंश की स्थापना किसने की— कुजुला कडफिसेस
● कनिष्क को शासन कब प्राप्त हुआ— 78 ई.
● कनिष्क के कुल का अंतिम शासक कौन था —वासुदेव
● ‘कामसूत्र’ की रचना किसने की— वात्सयायन ने
● पक्की ईंटों का शुभारंभ किसके काल में हुआ—कनिष्क के काल में
● किस प्रसिद्ध ग्रंथ को बौद्ध धर्म का विश्वकोष कहते हैं— महाविभाषाशास्त्र
● खारवेल किस वंश का शासन था— चेदि वंश का
● किस पुराण में 19 सातवाहन शासकों के शासन की चर्चा है— वायु पुराण मे

सोलह महाजनपद

सोलह महाजनपद

भारत के सोलह महाजनपदों का उल्लेख ईसा पूर्व छठी शताब्दी से भी पहले का है। ये महाजनपद थे-
  1. कुरुमेरठ और थानेश्वर; राजधानी इन्द्रप्रस्थ
  2. पांचाल- बरेली, बदायूं और फ़र्रुख़ाबाद; राजधानी अहिच्छत्र तथा कांपिल्य
  3. शूरसेन- मथुरा के आसपास का क्षेत्र; राजधानी मथुरा
  4. वत्स – इलाहाबाद और उसके आसपास; राजधानी कौशांबी
  5. कोशल - अवध; राजधानी साकेत और श्रावस्ती
  6. मल्ल – ज़िला देवरिया; राजधानी कुशीनगर और पावा (आधुनिक पडरौना)
  7. काशी- वाराणसी; राजधानी वाराणसी
  8. अंग - भागलपुर; राजधानी चंपा
  9. मगध – दक्षिण बिहार, राजधानी गिरिव्रज (आधुनिक राजगृह)।
  10. वृज्जि – ज़िला दरभंगा और मुजफ्फरपुर; राजधानी मिथिला, जनकपुरी और वैशाली
  11. चेदि - बुंदेलखंड; राजधानी शुक्तिमती (वर्तमान बांदा के पास)।
  12. मत्स्य - जयपुर; राजधानी विराट नगर
  13. अश्मक – गोदावरी घाटी; राजधानी पांडन्य।
  14. अवंति - मालवा; राजधानी उज्जयिनी
  15. गांधारपाकिस्तान स्थित पश्चिमोत्तर क्षेत्र; राजधानी तक्षशिला
  16. कंबोज – कदाचित आधुनिक अफ़ग़ानिस्तान; राजधानी राजापुर।
इनमें से क्रम संख्या 1 से 7 तक तथा संख्या 11,ये आठ जनपद अकेले उत्तर प्रदेश में स्थित थे। काशी, कोशल और वत्स की सर्वाधिक ख्याति थी।

महाजनपद काल से संबंधित प्रश्न


  1. ● मगध के सबसे प्राचीन वंश का संस्थापक कौन-था— वृहद्रथ 
  2. ● ‘बिंबिसार’ का संबंध किस वंश से था— हर्यंक वंश 
  3. ● हर्यंक वंश के किस शासक को कुणिक कहा जाता था— अजातशत्रु 
  4. ● किस शासक ने गंगा व सोन नदियों पर पाटलिपुत्र नामक नगर की स्थापना की— उदयिन ने 
  5. ● सिंकदर महान की मृत्यु कब व कहाँ हुई— 323 ई. पू., बेबीलोन (इराक) में 
  6. ● सिकंदर महान ने भारत पर आक्रमण कब किया— 326 ई. पू. 
  7. ● सिकंदर का मुख्य युद्ध किस नाम से जाना जाता है— हाइडेस्पीज (झेलम का युद्ध)
  8. ● सिकंदर के युद्ध का क्या महत्व है— यूरोप से भारत के लिए थलमार्ग खुला 
  9. ● भारत में सिकंदर का मुख्य युद्ध किसके साथ हुआ— पोरस के साथ 
  10. ● पालि ग्रंथों में गाँव के मुखिया को क्या कहा गया है— भोजक 
  11. ● उज्जैन का प्राचीन नाम क्या था— अवंतिका 
  12. ● नंद वंश का संस्थापक कौन था— महापद्मनंद 
  13. ● प्राचीन भारत में पहला विदेशी आक्रमण किसके द्वारा किया गया— ईरानियों द्वारा 
  14. ● मगध की प्रथम राजधानी कौन-सी थी— गिरीव्रज (राजगृह)
  15. ● किस शासक ने सर्वप्रथम पाटलिपुत्र को अपनी राजधानी बनाया— उदयिन ने 
  16. ● सोलह महाजनपदों की सूची किस में है— अंगुत्तर निकाय में 
  17. ● मगध का कौन-सा शासक सिकंदर का समकालीन था— धनानंद 
  18. ● प्रथम ईरानी शासक जिसने भारत के कुछ भाग को अपने अधीन कर लिया था, वह कौन था— डेरियस 
  19. ● नंद वंश का अंतिम सम्राट कौन था— धनानंद 
  20. ● भारत में ‘मुद्रा’ का प्रचलन कब हुआ— 600 ई. पू. 
  21. ● किस शासक ने अवंति को जीतकर मगध का हिस्सा बना दिया— शिशुनाग ने 
  22. ● छठी सदी में भारत का सबसे शक्तिशाली राज्य कौन-सा था— मगध 
  23. ● किस शासक को ‘सोनिया’ (नियमित व स्थायी सेना रखने) वाला कहा जाता है— बिंबिसार 
  24. ● ‘गृह पति’ का अर्थ क्या है— धनी किसान 
  25. ● किस शासक ने राज्यारोहण के लिए अपने पिता की हत्या की तथा बाद में वह अपने पुत्र द्वारा मारा गया— अजातशत्रु 
  26. ● विश्व का प्रथम गणतंत्र किसके द्वारा और कहाँ स्थापित किया गया— लिच्छवी वंश द्वारा, वैशाली में 
  27. ● महाजनपदों का उदय कब हुआ— छठी शताब्दी 
  28. ● किस जैन ग्रंथ में सोलह महाजनपदों का वर्णन है जो अंगुत्तर निकाय से थोड़ा अलग है— भगवती सुत्त में 
  29. ● भारत में पहला यूरोपीय आक्रमण किसके द्वारा किया गया— यूनानियों द्वारा 
  30. ● किस शासके को उग्रसेन कहा जाता था— महापद्मनंद 
  31. ● सिकंदर के साथ भारत आने वाला इतिहासकार कौन था— हेरोडोटस 
  32. ● काशी और लिच्छवी का विलय मगध साम्राज्य में किसने किया— अजातशत्रु ने 
  33. ● अजातशत्रु का उपनाम क्या था— कुणिक 
  34. ● अजातशत्रु किस धर्म का अनुयायी था— बौद्ध धर्म 
  35. ● अजातशत्रु की हत्या किसने की— उदयिन 
  36. ● अजातशत्रु गद्दी पर कब बैठा— 492 ई. पू. 
  37. ● धनानंद के बाद शासन किसने प्राप्त किया— चंद्रगुप्त मौर्य 

'वैदिक काल' की सर्व सामान्य जानकारियाँ

सिंधु सभ्यता के पतन के बाद जो नवीन संस्कृति प्रकाश में आयी उसके विषय में हमें सम्पूर्ण जानकारी वेदों से मिलती है। इसलिए इस काल को हम 'वैदिक काल' अथवा वैदिक सभ्यता के नाम से जानते हैं। चूँकि इस संस्कृति के प्रवर्तक आर्यलोग थे इसलिए कभी-कभी आर्य सभ्यता का नाम भी दिया जाता है। यहाँ आर्य शब्द का अर्थ- श्रेष्ठ, उदात्त, अभिजात्य,कुलीन, उत्कृष्ट, स्वतंत्र आदि हैं। यह काल 1500 ई.पू. से 600 ई.पू. तक अस्तित्व में रहा।

ऋग्वैदिक काल 1500-1000 ई.पू.

स्रोत- ऋग्वैदिक काल के अध्ययन के लिए दो प्रकार के साक्ष्य उपलब्ध हैं-
  1. पुरातात्विक साक्ष्य
  2. साहित्यिक साक्ष्य

पुरातात्विक साक्ष्य

इसके अंतर्गत निम्नलिखित साक्ष्य उपलब्ध प्राप्त हुए हैं-
  • चित्रित धूसर मृदभाण्ड
  • खुदाई में हरियाणा के पास भगवान पुरा में मिले 13 कमरों वाला मकान तथा पंजाब में भी प्राप्त तीन ऐसे स्थल जिनका सम्बन्ध ऋग्वैदिक काल से जोड़ा जाता है।
  • बोगाज-कोई अभिलेख / मितल्पी अभिलेख (1400 ई.पू- इस लेख में हित्ती राजा शुब्विलुलियुम और मित्तान्नी राजा मत्तिउआजा के मध्य हुई संधि के साक्षी के रूप में वैदिक देवता इन्द्र, मित्र, वरुण और नासत्य का उल्लेख है।

साहित्यिक साक्ष्य

ऋग्वेद में 10 मण्डल एवं 1028 मण्डल सूक्त है। पहला एवं दसवाँ मण्डल बाद में जोड़ा गया है जबकि दूसरा से 7वाँ मण्डल पुराना है।

आर्यो का आगमन काल

आर्यो के आगमन के विषय में विद्धानों में मतभेद है। विक्टरनित्ज ने आर्यो के आगमन की तिथि के 2500 ई. निर्धारित की है जबकि बालगंगाधर तिलक ने इसकी तिथि 6000 ई.पू. निर्धारित की है। मैक्समूलर के अनुसार इनके आगमन की तिथि 1500 ई.पू. है। आर्यो के मूल निवास के सन्दर्भ में सर्वाधिक प्रमाणिक मत आल्पस पर्व के पूर्वी भाग में स्थित यूरेशिया का है। वर्तमान समय में मैक्सूमूलन ने मत स्वीकार्य हैं।

आर्यो के क़बीले

डॉ. जैकोबी के अनुसार आर्यो ने भारत में कई बार आक्रमण किया और उनकी एक से अधिक शाखाएं भारत में आयी। सबसे महत्त्वपूर्ण कबीला भारत था। इसके शासक वर्ग का नाम त्रित्सु था। संभवतः सृजन और क्रीवी कबीले भी उनसे सम्बद्ध थे। ऋग्वेद में आर्यो के जिन पांच कबीलों का उल्लेख है उनमें- पुरु, यदु, तुर्वश, अनु, द्रुह्म प्रमुख थे। ये पंचयन के नाम से जाने जाते थे। चदु और तुर्वस को दास कहा जाता था। यदु और तुर्वश के विषय में ऐसा माना जाता था कि इन्द्रउन्हे बाद में लाए थे। यह ज्ञात होता है कि सरस्वती दृषद्वती एवं आपया नदी के किनारे भरत कबीले ने अग्नि की पूजा की।

आर्यो का भौगोलिक क्षेत्र

भारत में आर्यो का आगमन 1500 ई.पू. से कुछ पहले हुआ। भारत में उन्होंने सर्वप्रथम सप्त सैन्धव प्रदेश में बसना प्रारम्भ किया। इस प्रदेश में बहने वाली सात नदियों का ज़िक्र हमें ऋग्वेद से मिलता है। ये हैं सिंधु, सरस्वती, शतुद्रि (सतलुज) विपशा (व्यास), परुष्णी (रावी), वितस्ता (झेलम), अस्किनी (चिनाब) आदि।
कुछ अफ़ग़ानिस्तान की नदियों का ज़िक्र भी हमें ऋग्वेद से मिलता है। ये हैं- कुभा (काबुल नदी), क्रुभु (कुर्रम), गोमती(गोमल) एवं सुवास्तु (स्वात) आदि। इससे यह पता चलता है कि अफ़ग़ानिस्तान भी उस समय भारत का ही एक अंग था।हिमालय पर्वत का स्पष्ट उल्लेख हुआ है। हिमालय की एक चोटी को मूजदन्त कहा गया है जो सोम के लिए प्रसिद्व थी। इस प्रकार आर्य हिमालय से परिचत थे। आर्यों ने अगले पड़ाव के रूप में कुरूक्षेत्र के निकट के प्रदेशों पर क़ब्ज़ा कर उस क्षेत्र का नाम 'ब्रह्मवर्त' (आर्यावर्त) रखा। ब्रह्मवर्त से आगे बढ़कर आर्यो ने गंगा-यमुना के दोआब क्षेत्र एवं उसके नजदीक के क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा कर उस क्षेत्र का नाम ब्रह्मर्षि देश रखा। इसके बाद हिमालय एवं विन्ध्यांचल पर्वतों के बीच के क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर उस क्षेत्र का नाम 'मध्य प्रदेश' रखा। अन्त में बंगाल एवं बिहार के दक्षिण एवं पूर्वी भागों पर क़ब्ज़ा कर समूचे उत्तर भारत पर अधिकार कर लिया, कालान्तर में इस क्षेत्र का नाम 'आर्यावत' रखा गया। मनुस्मृति में सरस्वती और दृषद्वती नदियों के बीच के प्रदेश को ब्रह्मवर्त पुकारा गया।

समुद्र- ऋग्वेद में समुद्र की चर्चा हुई है और भुज्य की नौका दुर्घटना वाली कहानी में जलयात्रा पर प्रकाश पड़ता है। वैदिक तौल की ईकाई मन एवं वेबीलोन की इकाई मन में समानता से भी समुद्र यात्रा पर पड़ता है। ऋग्वेद के दो मन्त्रों (9वें ओर 10वें मण्डल के) में चार समुद्रों का उल्लेख है।
पर्वत - ऋग्वैदिक आर्य हिमालय पहाड़ से परिचित थे। परन्तु विन्ध्य या सतपुड़ा से परिचित नहीं थें। कुछ महत्त्वपूर्ण चोटियों की चर्चा है, यथा जैसे हिमवंत, मंजदंत, शर्पणावन्, आर्जीक तथा सुषोम।
मरुस्थल- ऋग्वेद में मरुस्थल के लिए धन्व शब्द आया है। आर्यो को सम्भवतः मरुस्थल का ज्ञात था, क्योंकि इस बात की चर्चा की जाती है कि पर्जन्य ने मरुस्थल को पर करने योग्य बनाया।
क्षेत्र- प्रारम्भिक वैदिक साहित्य में केवल एक क्षेत्र 'गांधारि' की चर्चा है। इसकी पहचान आधुनिक पेशावर एवं रावलपिण्डी ज़िलों से की गई है।

ऋग्वेद में नदियों का उल्लेख

ऋग्वेद में 25 नदियों का उल्लेख है, जिसमें सबसे महत्त्वपूर्ण नदी सिन्धु नदी है, जिसका वर्णन कई बार आया है। यह सप्त सैन्धव क्षेत्र की पश्चिमी सीमा थी। क्रुमु (कुरुम),गोमती (गोमल), कुभा (काबुल) और सुवास्तु (स्वात) नामक नदियां पश्चिम किनारे में सिन्धु की सहायक नदी थीं। पूर्वी किनारे पर सिन्धु की सहायक नदियों में वितास्ता (झेलम) आस्किनी (चेनाब), परुष्णी (रावी), शतुद्र (सतलज), विपासा (व्यास) प्रमुख थी। विपास (व्यास) नदी के तट पर ही इन्द्र ने उषा को पराजित किया और उसके रथ को टुकड़े-टुकड़े कर दिया। सिन्धु नदी को उसके आर्थिक महत्व के कारण हिरण्यनी कहा गया है। सिन्धु नदी द्वार ऊनी वस्त्रों के व्यवसाय होने का कारण इसे सुवासा और ऊर्पावर्ती भी कहा गया है। ऋग्वेद में सिन्धु नदी की चर्चा सर्वाधिक बार हुयी है।

आर्यो का संघर्ष

आर्यो का संघर्ष गैरिक मृदभांण्ड एवं लाल और काले मृदभाण्ड वाले लोगों से हुआ।

आर्यो के विजयी होने के कारण

आर्य निम्नलिखित कारणों से विजयी होते रहे।
  1. घोड़े चलित रथ
  2. काँसे के अच्छे उपकरण
  3. कवच (वर्म)
  • आर्य सम्भवतः विशिष्ट प्रकार के दुर्ग का प्रयोग करते थे। इसे पुर कहा जाता था। वे धनुष-वाण का प्रयोग करते थे। प्रायः दो प्रकार के बाणों में एक विषाक्त एवं सींग के सिरा (मुख) वाला तथा दूसरा ताँबा के मुख वाला होता था। इसके अतिरिक्त बरछी, भाला, फरसा और तलवार का प्रयोग भी करते थे। पुरचष्णि शब्द का अर्थ था- दुर्गों को गिराने वाला।
  • दास एवं दस्यु आर्यो के शस्त्रु थे। दस्यु को अनसा (चपटी नाक वाला), अकर्मन (वैदिक कर्मो में विश्वास न करने वाला) एवं शिश्नदेवा (लिंगपूजक) कहा जाता था। पुरु नामक कबीला त्रास दस्यु के नाम से जाना जाता था।
  • भरत जन को विश्वामित्र का सहयोग प्राप्त था। इसी सहयोग के बल पर उसने व्यास एवं शुतुद्री को जीता। किन्तु शीघ्र ही भरतों ने वशिष्ठ को अपना गुरु मान लिया। अतः क्रुध होकर विश्वामित्र ने भरत जन के विरोधियों को समर्थन दिया। परुष्णी नदी के किनारे 10 राजाओं का युद्ध हुआ। इसमें भरत के विरोध में पाँच आर्य एवं पाँच अनार्य कबीले मिलकर संघर्ष कर रहे थे। आर्यो के पाँच कबीले थे - पुरु, यदु, तुर्वश, द्रुह्म, और अनु। पाँच अनार्य कबीले थे- अलिन, पक्थ, भलानस, विसाणिन और शिव। इसमें भरत राजा सुदास की विजय हुई। दश राजाओं का युद्ध पश्चिमोत्तर प्रदेश में बसे हुए पूर्वकालीन जल तथा ब्रह्मवर्त के उत्तर कालीन आर्यो के बीच उत्तराधिकार के प्रश्न पर लड़ा गया था।
  • ऋग्वेद में क़रीब 25 नदियों का उल्लेख मिलता है जिनमे महत्त्वपूर्ण नदी सिंधु का वर्णन कई बार आया है। उनके द्वारा उल्लिखित दूसरी नदी है सरस्वती जो अब राजस्थान के रेगिस्तान में तिरोहित हो गयी है। इसकी जगह अब घग्घर नदी बहती है। ऋग्वेद में सरस्वती नदी को 'नदीतमा' (नदियों में प्रमुख) कहा गया है। इसके अतिरिक्त गंगा का ऋग्वेद में एक बार एवं यमुना का तीन बार ज़िक्र आया है। ऋग्वेद में केवल हिमालय पर्वत एवं इसकी चोटी मोजवंत का उल्लेख मिलता है।

राजनीतिक व्यवस्था

सर्वप्रथम जब आर्य भारत में आये तो उनका यहाँ के दास अथवा दस्यु कहे जाने वाले पाँच लोगों से संघर्ष, अन्ततः आर्यो को विजय मिली। ऋग्वेद में आर्यो के पांच कबीले के होने की वजह से पंचजन्य कहा गया। ये थे पुरु, यदु, तुर्वश, द्रुह्म और अनु। भरत, क्रिव एवं त्रित्सु आर्य शासक वंश के थे। भरत कुल के नाम से ही इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। इनके पुरोहित थे वशिष्ठ। कालान्तर में भरत वंश के राजा सुदास तथा अन्य दस जनों, पुरु, यदु, तुर्वश, अनु, द्रह्म अकिन, पक्थ, भलानस, विषणिन और शिव के मध्य दाशराज्ञ यु़द्ध परुष्णी (रावी) नदी के किनारे लड़ा गया जिसमें सुदास को विजय मिली। कुछ समय पश्चात् पराजित राजा पुरु और भरत के बीच मैत्री सम्बन्ध स्थापित होने से एक नवीन कुरु वंश की स्थापना की गयी।

प्रशासनिक इकाई

ऋग्वैदिक काल में प्रशासन की सबसे छोटी इकाई कुल या गृह था। उसके ऊपर ग्राम था। उसके ऊपर विश था। सबसे ऊपर जन होता था। ऋग्वेद में जन शब्द का उल्लेख 275 बार हुआ है, जबकि जनपथ शब्द का उल्लेख एक बार भी नहीं हुआ है। विश शब्द का उल्लेख 170 बार हुआ है।
ऋग्वैदिक भारत का राजनीतिक ढाँचा आरोही क्रम में- कुल > ग्राम > विशस > जन > राष्ट्र
इसमें कुल सबसे छोटी इकाई थी । कुल का मुखिया कुलप था। ग्राम का शासन ग्रामणी देखता था। विश ग्राम से बड़ी प्रशासनिक ईकाई थी। इसका शासक विश्पति कहा जाता था। जन काबीलाई संगठन था। इनका शासन प्रमुख पुरोहित हुआ करता था। इन्हीं के नाम पर आगे जनपद बने। राष्ट्र शासन की सबसे बड़ी ईकाई थी। इसका शासक राजा होता था।

न्याय व्यवस्था

न्याय व्यवस्था धर्म पर आधारित होती थी। राजा क़ानूनी सलाहकारों तथा पुरोहित की सहायता से न्याय करता था। चोरी, डकैती, राहजनी, आदि अनेक अपराधों का उल्लेख मिलता है। इसमें पशुओं की चोरी सबसे अधिक होती थी जिसे पणि लोग करते थे। इनके अधिकांश युद्ध गाय को लेकर हुए हैं। ऋग्वेद में युद्ध का पर्याय गाविष्ठ (गाय का अन्वेषण) है। मुत्यु दंड की प्रथा नहीं थी। अपराधियों को शरीरदण्ड तथा जुर्माने की सज़ा दी जाती थी। वेरदेय (बदला चुकाने की प्रथा) का प्रचलन था। एक व्यक्ति को शतदाय कहा जाता था क्योंकि उसके जान की कीमत 100 गाय थी। हत्या का दण्ड द्रव्य के रूप में दिया जाता था। सूद का भुगतान वस्तु के ऊपर में किया जाता था। दिवालिए को ऋणदाता का दास बनाया जाता था। पुत्र सम्पत्ति का अधिकारी होता था।

सामाजिक जीवन

ऋग्वैदिक समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार या कुल होती थी। ऋग्वेद में 'कुल' शब्द का उल्लेख नहीं है। परिवार के लिए 'गृह' शब्द का प्रयुक्त हुआ है। कई परिवार मिलकर ग्राम या गोत्र तथा कई ग्राम मिलकर विश का निर्माण एवं कई विश मिलकर जन का निर्माण करते थे। ऋग्वेद में जन शब्द लगभग 275 तथा विश शब्द 170 बार प्रयुक्त हुआ है। ऋग्वैदिक समाज पितृसत्तात्मक समाज था। पिता ही परिवार का मुखिया होता था। ऋग्वेद के कुछ उल्लेखों से पिता के असीमित अधिकारों की पुष्टि होती है। ऋजाश्व के उल्लेख से पता चलता है कि उसके पिता ने एक मादा भेड़ के लिए सौ भेड़ों का वध कर देने के कारण उसे अन्धा बना दिया था। वरूणसूक्त के शुनः शेष के आख्यान से ज्ञात होता है कि पिताअपनी सन्तान को बेच सकता था। किन्तु उद्धरणों से यह तात्पर्य कदापि नहीं निकाला जाना चाहिए कि पिता-पुत्र के संबंध कटुतापूर्ण थे। इसे अपवादस्वरूप ही समझा जाना चाहिए। पुत्र प्राप्ति हेतु देवताओं से कामना की जाती थी और परिवार संयुक्त होता था।

आर्थिक जीवन

ऋग्वेद में आर्यो के मुख्य व्यवसाय के रूप में पशुपालन एवं कृषि का विवरण मिलता है जबकि पूर्व वैदिक आर्यो ने पशुपालन को ही अपना मुख्य व्यवसाय बनाया था। ऋग्वैदिक सभ्यता ग्रामीण सभ्यता थी। इस वेद में ‘गव्य एवं गव्यति शब्द चारागाह के लिए प्रयुक्त है। इस काल में गाय का प्रयोग मुद्रा के रूप मे भी होता था। अवि (भेड़), अजा (बकरी) का ऋग्वेद में अनेक बार ज़िक्र हुआ है। हाथी, बाघ, बतख,गिद्ध से आर्य लोग अपरिचित थे। धनी व्यक्ति को गोपत कहा गया था। राजा को गोपति कहा जाता था युद्ध के लिए गविष्ट, गेसू, गव्य ओर गम्य शब्द प्रचलित थे। समय की माप के लिए गोधुल शब्द का प्रयोग किया जाता था। दूरी का मान के लिए गवयतु।

कृषि

ऋग्वैदिक काल में राजा भूमि का स्वामी नहीं होता था। वह विशेष रूप से युद्धकालीन स्वामी होता था। ऋग्वेद में दो प्रकार के सिंचाई का उल्लेख है-
  1. खनित्रिमा (खोदकर प्राप्त किया गया जल)
  2. स्वयंजा (प्राकृतिक जल)

धर्म

वैदिक धर्म पूर्णतः प्रतिमार्गी हैं वैदिक देवताओं में पुरुष भाव की प्रधानता है। अधिकांश देवताओं की अराधना मानव के रूप में की जाती थी किन्तु कुछ देवताओं की अराधना पशु के रुप में की जाती थी। अज एकपाद और अहितर्बुध्न्य दोनों देवताओं परिकल्पना पशु के रूप में की गई है। मरुतों की माता की परिकल्पना चितकबरी गाय के रूप में की गई है।इन्द्र की गाय खोजने वाला सरमा (कुत्तिया) स्वान के रूप में है। इसके अतिरिक्त इन्द्र क कल्पना वृषभ (बैल) के रूप में एवं सूर्य को अश्व के रूप में की गई है। ऋग्वेद में पशुओं के पूजा प्रचलन नहीं था। ऋग्वैदिक देवताओं में किसी प्रकार का उँच-नीच का भेदभाव नहीं था। वैदिक ऋषियों ने सभी देवताओं की महिमा गाई है। ऋग्वैदिक लोगों ने प्राकृतिक शक्तियों का मानवीकरण किया है। इस समय 'बहुदेववाद' का प्रचलन था। ऋग्वैदिक आर्यो की देवमण्डली तीन भागों में विभाजित थी।
  1. आकाश के देवता - सूर्य, द्यौस, वरुण, मित्र, पूषन्, विष्णु, उषा, अपांनपात, सविता, त्रिप, विंवस्वत्, आदिंत्यगग, अश्विनद्वय आदि।
  2. अन्तरिक्ष के देवता- इन्द्र, मरुत, रुद्र, वायु, पर्जन्य, मातरिश्वन्, त्रिप्रआप्त्य, अज एकपाद, आप, अहिर्बुघ्न्य।
  3. पृथ्वी के देवता- अग्नि, सोम, पृथ्वी, बृहस्पति, तथा नदियां।
इस देव समूह में सर्वप्रधान देवता कौन था, यह निर्धारित करना कठिन है ऋग्वैदिक ऋषियों ने जिस समय जिस देवता की स्तुति की उसे ही सर्वोच्च मानकर उसमें सम्पूर्ण गुणों का अरोपण कर दिया। मैक्स मूलर ने इस प्रवृति की 'हीनाथीज्म' कहा है। सूक्तों की संख्या की दृष्टि यह मानना न्यायसंगत होगा कि इनका सर्वप्रधान देवता इन्द्र था।
ऋग्वेद में अन्तरिक्ष स्थानीय 'इन्द्र' का वर्णन सर्वाधिक प्रतापी देवता के रूप में किया गया है, ऋग्वेद के क़रीब 250 सूक्तों में इनका वर्णन है। इन्हे वर्षा का देवता माना जाता था। उन्होंने वृत्र राक्षस को मारा था इसीलिए उन्हे वृत्रहन कहा जाता है। अनेक किलों को नष्ट कर दिया था, इस रूप में वे पुरन्दर कहे जाते हैं। इन्द्र वृत्र की हत्या करके जल का मुक्त करते हैं इसलिए उन्हे पुर्मिद कहा गया। इन्द्र के लिए एक विशेषण अन्सुजीत (पानी को जीतने वाला) भी आता है। इन्द्र के पिता द्योंस हैं अग्नि उसका यमज भाई है और मरुत उसका सहयोगी है। विष्णु ने वृत्र के वध में इन्द्र की सहायता की थी। ऋग्वेद में इन्द्र को समस्त संसार का स्वामी बताया गया है। उसका प्रिय आयुद्ध बज्र है इसलिए उन्हे ब्रजबाहू भी कहा गया है। इन्द्र कुशल रथ-योद्धा (रथेष्ठ), महान विजेता (विजेन्द्र) और सोम का पालन करने वाला (सोमपा) है। इन्द्र तूफ़ान और मेध के भी देवता है । एक शक्तिशाली देवता होने के कारण इन्द्र का शतक्रतु (एक सौ शक्ति धारण करने वाला) कहा गया है वृत्र का वध करने का कारण वृत्रहन और मधवन (दानशील) के रूप में जाना जाता है। उनकी पत्नी इन्द्राणी अथवा शची (ऊर्जा) हैं प्राचीन भारतीय ग्रन्थों में इन्द्र के साथ कृष्ण के विरोध का उल्लेख मिलता है।

ऋग्वेद में दूसरा महत्त्वपूर्ण देवता 'अग्नि' था, जिसका काम था मनुष्य और देवता के मध्य मध्यस्थ की भूमिका निभाना। अग्नि के द्वारा ही देवताओं आहुतियाँ दी जाती थीं। ऋग्वेद में क़रीब 200 सूक्तों में अग्नि का ज़िक्र किया गया है। वे पुरोहितों के भी देवता थे। उनका मूल निवास स्वर्ग है। किन्तु मातरिश्वन (देवता) न उसे पृथ्वी पर लाया। पृथ्वी पर यज्ञ वेदी में अग्नि की स्थापना भृगुओं एवं अंगीरसों ने की। इस कार्य के कारण उन्हें 'अथर्वन' कहा गया है। वह प्रत्येक घर में प्रज्वलित होती थी इस कारण उसे प्रत्येक घर का अतिथि माना गया है। इसकी अन्य उपधियाँ जातदेवस् (चर-अचर का ज्ञात होने के कारण), भुवनचक्षु (सर्वद्रष्टा होने के कारण), हिरन्यदंत (सुरहरे दाँव वाला) अथर्ववेद में इसे प्रातः काल उचित होने वाला मित्र और सांयकाल को वरुण कहा गया है। तीसरा स्थान वरुण का माना जाता है, जिसे समुद्र का देवता, विश्व के नियामक और शासक सत्य का प्रतीक, ऋतु परिवर्तन एवं दिन-रात का कर्ता-धर्ता, आकाश, पृथ्वी एवं सूर्य का निर्माता के रूप में जाना जाता है। ईरान में इन्हे 'अहुरमज्द' तथा यूनान में 'यूरेनस' के नाम से जाना जाता है। ये ऋतु के संरक्षक थे इसलिए इन्हे ऋतस्यगोप भी कहा जाता था। वरुण के साथ मित्र का भी उल्लेख है इन दोनों को मिलाकर मित्र वरूण कहते हैं। ऋग्वेद के मित्र और वरुण के साथ आप का भी उल्लेख किया गया है। आप का अर्थ जल होता है। ऋग्वेद के मित्र और वरुण का सहस्र स्तम्भों वाले भवन में निवास करने का उल्लेख मिलता है। मित्र के अतिरिक्त वरुण के साथ आप का भी उल्लेख मिलता है। ऋग्वेद मे वरुण को वायु का सांस कहा गया है। वरुण देव लोक में सभी सितारों का मार्ग निर्धारित करते हैं। इन्हे असुर भी कहा जाता हैं। इनकी स्तुति लगभग 30 सूक्तियों में की गयी है। देवताओं के तीन वर्गो (पृथ्वी स्थान, वायु स्थान और आकाश स्थान) में वरुण का सर्वोच्च स्थान है। वे देवताओं के देवता है। ऋग्वेद का 7 वाँ मण्डल वरुण देवता को समर्पित है। दण्ड के रूप में लोगों को 'जलोदर रोग' से पीड़ित करते थे।