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Friday 6 March 2015

हङप्पा सभ्यता या सिंधु घाटी सभ्यता

                          सिंधु घाटी सभ्यता य़ा हङप्पा सभ्यता-

सिन्ध में मोहनजोदड़ों में हड़प्पा संस्कृति के अवशेष
1. सिंधु घाटी सभ्यता का नाम हङप्पा सभ्यता क्यों पड़ा।
सबसे पहले 1927 में 'हड़प्पा' नामक स्थल पर उत्खनन होने के कारण 'सिन्धु सभ्यता' का नाम 'हड़प्पा सभ्यता' पड़ा। पर कालान्तर में 'पिग्गट' ने हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ों को ‘एक विस्तृत साम्राज्य की जुड़वा राजधानियां‘ बतलाया।
2. इस सभ्यता की खोज किसने की थी।
इस अज्ञात सभ्यता की खोज का श्रेय 'रायबहादुर दयाराम साहनी' को जाता है।
3.यह खुदाई किसके निर्देशन में की गई थी।
पुरातत्त्वसर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक 'सर जॉन मार्शल' के निर्देशन में1921 में इस स्थान की खुदाई करवायी।
4. इस सभ्यता के बारे में  जानकारी कब प्राप्त हुयी।
1920 ईसा पूर्व के दशक में सर्वप्रथम हड़प्पाई सभ्यता का ज्ञान हुआ।
5. हड़प्पा सभ्यता का समय कब तक माना जाता है ?
   2350 ई.पू. से 1750 ई.पू. तक ।

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पहले इसे सिंधु घाटी सभ्यता कहा जाता था । लेकिन लगातार विस्तार के कारण यह नगरीय सभ्यता हड़प्पा सभ्यता के नाम से जानी जाती है ।
6. हड़प्पा सभ्यता का पता कब और किसने लगाया ?
     19 वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने ।
7. हड़प्पा स्थल की खुदाई कब और किसने की ?
   सन् 1921 में दयाराम साहनी ने ।
8. मोहनजोदड़ो स्थल की खुदाई कब और किसने की ?
   सन् 1922-23 में राखलदास बनर्जी ने ।

मोहनजोदड़ो पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में स्थित है। इस क्षेत्र को सिंध का बाग भी कहा जाता है । 
सन् 1922-23 में खुदाई के दौरान हड़प्पा से मिलते-जुलते अवशेष तथा अधिसंरचना को देखा गया। इसके उपरांत पश्चिमोत्तर भारत के वृहद क्षेत्र में विभिन्न स्थलों की खुदाई से विकसित हड़प्पा का पता चला ।
9. हड़प्पा सभ्यता का क्षेत्र कितने किलोमीटर में फैला है ?
     12,99,660 वर्ग किमी

यह सभ्यता उत्तर में कश्मीर के माण्डा से दक्षिण में ताप्ती नदी के मुहाने पर स्थित भगवतराव तथा पश्चिम में बलूचिस्तान के सुत्कागेंडोर से पूर्व में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आलमगीरपुर तक फैला है ।
10. भारत में कहां-कहां हड़प्पा सभ्यता का पता चला है ?
   गुजरात के काठियावाड़ और अमहदाबाद, राजस्थान के श्रीगंगानगर, हरियाणा के हिसार और पंजाब के रोपड़ में ।
11. हड़प्पा वासियों की सामाजिक व्यवस्था का मुख्य आधार क्या था ?
   परिवार

मातृ सत्तात्मक समाज का अनुमान लगाया जाता है। हड़प्पा से मातृदेवी की प्रतिमा मिली है।
12. हड़प्पा वासियों का समाज कैसा था ?
    मातृ सत्तात्मक
13. आग से पकी हुई मिट्टी को इस समय क्या कहा जाता था ?
    टेराकोटा
14. बिल्ली का पीछा करते हुए कुत्ते के पंजों के निशान कहां मिले हैं ?
    सिंधुकालीन स्थल चन्हूदड़ो में ।
15. मनका निर्माण की फैक्ट्री कहां स्थित थी ?
    चन्हूदड़ो में ।
16. किस खेल का प्रचलन हड़प्पा के समय था ?
    शतरंज
18. हड़प्पा में किसकी अराधना की जाती थी ?
    मातृ देवी तथा पशुपति

मोहनजोदड़ों से प्राप्त एक मुहर पर पशुपति शिव की मूर्ति उत्कीर्ण है। जिसके दायीं ओर चीता और हाथी तथा बायीं ओर गैंडा और भैंसा उत्कीर्ण है। सिर पर त्रिशूल जैसा आभूषण है।
19. हड़प्पा/ सिंधुघाटी सभ्यता में पवित्र पशु कौन थे ?
    कूबड़वाला बैल तथा श्रृंगयुक्त पशु

गाय का अंकन मुहरों पर नहीं दिखता, किन्तु उसकी पवित्रता भी निर्विवाद रूप से रही होगी।
20. हड़प्पावासी किसे अपना पवित्र पक्षी मानते थे ?
    फाख्ता
21. स्वास्तिक किसकी देन है ?
    हड़प्पा सभ्यता
22.मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए कितनी विधियां प्रचलित थीं ?
    तीन विधियां-
     1. पूर्ण समाधीकरण,
     2. आंशिक समाधीकरण,
     3. दाह-संस्कार

पूर्ण समाधीकरण की प्रविधि ही अधिक प्रचलित थी। हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो से समाधीकरण के साक्ष्य मिले हैं। मोहनजोदड़ो का तो शाब्दिक अर्थ ही है- मुर्दों का टीला
23. हड़प्पा में कितनी फसलें उपजाई जाती थीं ?
    अब तक नौ फसलों की पहचान हुई है- गेहूं, जौ के अतिरिक्त कपास, तरबूज तथा मजर भी उपजाए जाते थे।
24. कपास के उपज की पहली जानकारी कहां से मिली ?
    हड़प्पा
25. कपास को यूनानी क्या कहते थे ?
    सिन्डॉन 
26. खेत की जुताई के लिए किसका उपयोग किया जाता था ?
   हल
27. इस समय कौन से घातु मिलने के प्रमाण हैं ?
   तांबा, टिन और कांस्य

धातुकर्म की जानकारी इस सभ्यता के लोगों को थी। ताम्र तथा टिन के मिश्रण से कांस्य निर्माण की विधि उन्हें मालूम थी।
28. हड़प्पा सभ्यता में व्यापार कैसे होता था ?
    लोग आंतरिक और बाह्य व्यापार में संलग्न थे । आंतरिक व्यापार बैलगाड़ी से संचालित होता था ।
29मेलूहा शब्द किसके लिए इस्तेमाल किया गया ?
   मेसोपोटामिया के साक्ष्यों में इस शब्द का प्रयोग हड़प्पा के लिए किया गया है।

हड़प्पावासियों का बाह्य व्यापार फारस की खाड़ी, मेसोपोटामिया, अफगानिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान से भी होता था ।
30. सैंधव वासी मिठास के लिए किस चीज का इस्तेमाल करते थे ?
   शहद
31. हड़प्पा के समय व्यापार की कौन सी प्रणाली प्रचलित थी ?
   वस्तु विनिमय प्रणाली
32. हड़प्पा के समय क्या प्रमुख उद्योग थे ?
    कपड़ा उद्योग, आभूषण निर्माण, शिल्पकर्म, बढ़ईगिरी, मिट्टी के बर्तन बनाना

माप-तौल के मानकीकरण को स्थापित किया गया था । तौल की इकाई संभवत: 16 के अनुपात में थी ।
फुट और क्यूबिक की जानकारी भी लोगों को थी । माप के लिए दशमलव प्रणाली तथा तौल के लिए द्विभाजन प्रणाली के साक्ष्य मिले हैं ।
33. यहां के लोगों ने नगरों और घरों के विन्यास के लिए किस पद्धति को अपनाई ?
    ग्रीड पद्धति
34. हड़प्पा सभ्यता में शहरीकरण की प्रमुख विशेषता क्या थी ?
    निकास प्रणाली

सभी भवनों में स्नानागार बनाए जाते थे तथा इनसे पानी के निकास के लिए पाइपों का निर्माण किया गया था ।
प्रत्येक सड़क और गली के दोनों ओर पक्की नालियां निर्मित हैं । खास बात ये भी है कि सभी भवन समान क्षेत्रफल में निर्मित हैं । 
35. हड़प्पा में कहां विशाल स्नानागार के साक्ष्य मिले हैं ?
    मोहनजोदड़ो
36. हड़प्पा में लिपि और धर्म की जानकारी कहां से मिलती है ?
    सैंधवकालीन मुहरों से।
37. इस समय कौन सी लिपि प्रचलित थी ?
    चित्राक्षर लिपि ( चित्रों के माध्यम से संप्रेषण)
38. इस लिपि में कितने चिह्न ज्ञात हैं ?
       400 चित्र(चिह्न)
39. चित्राक्षर लिपि को और किस नाम से पुकारा जाता है ?
    बेन्डोफ्रेंड्रम लिपि
40. इसे लिपि को किस तरफ से लिखा जाता है ?
   बाईं से दाईं ओर

इस लिपि को पढ़ने में अभी तक सफलता नहीं पाई जा सकी है..इस लिपि के चित्र संभवत: अक्षर सूचक हैं । इसे विद्वानों द्वारा संस्कृत का आद्य स्वरूप अथा आद्य-दविड़ लिपि माना जाता है। किसी प्रकार के द्वि- भाषिक लेख नहीं होने के कारण हड़प्पा सभ्यता की लिपि को नहीं पढ़ा जा सका है।
41. आजादी( सन् 1947) के बाद भारत में सबसे अधिक कहां हड़प्पायुगीन स्थलों की खोज हुई ?
    गुजरात
42. किस सैंधव पुरा स्थल से घोड़े की हड्डियों के प्रमाण मिलते हैं ?
    सुरकोटडा
43. सैंधव स्थलों से किस जगह पर सर्वप्रथम कृषि के साक्ष्य उपलब्ध होते हैं ?
    मेहरगढ़
44. वह कौन-सा हड़प्पाकालीन स्थल है जो त्रि-स्तरीय था ?
    धौलावीरा
45. चावल के उत्पादन के साक्ष्य किस सैंधव पुरास्थल से प्राप्त हुए हैं ?
    रंगपुर एवं लोथल
46. मेसोपोटामियाई अभिलेखों में सिंधु क्षेत्र का प्राचीन नाम क्या मिलता है ?
    मेलुहा
47. किस प्राक्-हड़प्पा स्थल से कूड़ (हलरेखा) का पता चलता है ?
    कालीबंगा
48. पंजाब की किस नदी के नाम पर एक ताम्रपाषाणिक संस्कृति का नामाकरण किया गया था ?
     सोन संस्कृति
49. किस सैंधव पुरा स्थल से फर्श के निर्मित अलंकृत ईंटों का प्रयोग किया गया था ?
     कालीबंगा
 

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